
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत सरकार को सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को फिर से लागू करने के लिए चार पत्र भेजे हैं। यह कदम पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जल संकट की गंभीर स्थिति को देखते हुए उठाया गया है। भारत ने 23 अप्रैल 2025 को पुलवामा जैसे आतंकी हमलों के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिससे पाकिस्तान में जल आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
पाकिस्तान ने इन पत्रों में भारत से आग्रह किया है कि वह संधि को फिर से लागू करे, ताकि सिंध प्रांत में जल संकट को कम किया जा सके। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और संधि के प्रावधानों का उल्लंघन है, और पाकिस्तान इसके खिलाफ सभी उचित कदम उठाएगा।
हालांकि, भारत ने पाकिस्तान की इस अपील को ठुकरा दिया है, यह कहते हुए कि “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी।” भारत का यह रुख पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश है, जो जल संकट के समाधान के लिए भारत से सहयोग की उम्मीद कर रहा था।
पाकिस्तान में जल संकट की स्थिति गंभीर होती जा रही है, और इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी समर्थन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल संकट का समाधान नहीं किया गया, तो पाकिस्तान को गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।