
12 साल की त्रिशा बिजवे, नागपुर निवासी, छुट्टियों पर मनाली आई थी। 8 जून को ट्रिप पर ज़िपलाइन के जरिए नीचे जा रही थी, तभी अचानक ज़िपलाइन का केबल टूट गया, जिससे वह करीब 30 फीट नीचे एक पहाड़ी गड्ढे (gorge) में जा गिरी
चट्टानों पर गिरने से बच्ची को कई जगह गंभीर चोटें आईं और तुरंत उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, त्रिशा ज़िपलाइन पर सवार होकर एक तरफ से दूसरी ओर जा रही थी। लेकिन आधे रास्ते में अचानक ज़िपलाइन का तार टूट गया और वह नीचे गिर गई। हादसा होते ही वहां मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई। मौके पर मौजूद ऑपरेटरों ने तुरंत राहत-बचाव कार्य शुरू किया और बच्ची को उठाकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
बच्ची की हालत और इलाज
डॉक्टरों के अनुसार, त्रिशा को सिर, कमर और हाथ में चोटें आई हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उसे नागपुर रेफर किया गया, जहां वह अभी भी इलाजरत है। परिवार ने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर है लेकिन खतरे से बाहर नहीं कही जा सकती।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। मनाली पुलिस ने ज़िपलाइन संचालन करने वाली कंपनी से पूछताछ शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि ज़िपलाइन की सुरक्षा जांच और रखरखाव में लापरवाही बरती गई थी। अब पर्यटन विभाग पूरे एडवेंचर पार्क की सुरक्षा मानकों की जांच कर रहा है और अन्य गतिविधियों पर भी अस्थायी रूप से रोक लगाई गई है।
बड़ा सवाल: कितनी सुरक्षित हैं हमारे एडवेंचर स्पॉट्स?
यह कोई पहला मामला नहीं है। बीते वर्षों में देश के कई पर्यटन स्थलों पर इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें ज़िपलाइन, पैराग्लाइडिंग और बंजी जंप जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स के दौरान सुरक्षा में चूक के चलते लोगों की जान पर बन आई। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सेक्टर में सख्त मानक और नियमित निरीक्षण की सख्त ज़रूरत है।
निष्कर्ष:
मनाली का यह हादसा एक बार फिर देशभर के पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा मानकों की पोल खोलता है। त्रिशा की जान बच गई लेकिन यह हादसा सभी एडवेंचर स्पोर्ट्स आयोजकों और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। पर्यटकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।