
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीन मुनीर की एक लंच मीटिंग को लेकर अमेरिका और पश्चिमी रणनीतिक हलकों में चिंता जताई जा रही है। इस मुलाकात को लेकर अमेरिकी रक्षा विश्लेषक माइकल रुबिन ने बेहद गंभीर चेतावनी दी है।
माइकल रुबिन ने कहा कि ट्रंप और मुनीर की यह निजी बैठक सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात नहीं थी। उन्होंने आशंका जताई कि इस तरह की नज़दीकियों के चलते ईरान, जो कि अमेरिका और इजरायल के लिए परमाणु खतरा बना हुआ है, अब अपने संवेदनशील परमाणु उपकरणों को पाकिस्तान में छुपा सकता है।
रुबिन ने ये भी कहा कि पाकिस्तान की पिछली भूमिका और उसका इतिहास यह दर्शाता है कि वह गुप्त रूप से परमाणु मामलों में दूसरे देशों की मदद करता रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि डॉ. ए.क्यू. खान नेटवर्क के जरिए पाकिस्तान पहले ही उत्तर कोरिया, ईरान और लिबिया को परमाणु तकनीक देने में शामिल रहा है।
उनके अनुसार, अगर ईरान और पाकिस्तान के बीच इस तरह का कोई गुप्त सहयोग होता है, तो यह सिर्फ अमेरिका नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए सुरक्षा संकट बन सकता है।
इस पूरे मामले को लेकर ट्रंप की टीम की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन माइकल रुबिन का बयान बताता है कि अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञ ट्रंप की इस पहल को बेहद असामान्य और खतरनाक मान रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ट्रंप 2024 का चुनाव जीतकर दोबारा सत्ता में आते हैं, तो उनकी विदेश नीति पारंपरिक अमेरिकी दृष्टिकोण से बहुत अलग हो सकती है। इससे वैश्विक परमाणु स्थिरता को भी चुनौती मिल सकती है।