
दिल्ली के बाटला हाउस और ओखला गांव में लगभग 80 दुकानों और मकानों पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने नोटिस चिपकाए हैं, जिसमें इन्हें अगले 15 दिनों में खाली करने की चेतावनी दी गई है। विभाग का दावा है कि यह जमीन खसरा नंबर 277 में स्थित है, जो यूपी सिंचाई विभाग की है और पिछले 35 से 40 वर्षों से अवैध रूप से कब्जा की गई है।
नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर कब्जा नहीं हटाया गया, तो संबंधित पक्षों को होने वाली किसी भी हानि या क्षति की जिम्मेदारी स्वयं की होगी। विभाग ने यह भी कहा है कि यह कार्रवाई अदालत के आदेशों के तहत की जा रही है।
स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उनका कहना है कि वे पिछले कई दशकों से यहां रह रहे हैं और उनके पास वैध दस्तावेज हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि वे किसी भी कीमत पर अपने घर और दुकानें नहीं छोड़ेंगे।
इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्मा गई है। कुछ राजनीतिक दलों ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ साजिश करार दिया है, जबकि अन्य ने इसे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने की आवश्यक कार्रवाई बताया है।
यह मामला दिल्ली में अवैध निर्माण और भूमि कब्जे के बढ़ते मुद्दे को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया तेज हो सकती है।