गोंडा में बुधवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने तहसील करनैलगंज अंतर्गत आगामी आयोजित होने वाले पसका मेला की तैयारियों के संबंध में मेला स्थल एवं स्नानघाट सहित अन्य स्थानों पर की जा रही तैयारियों का निरीक्षण कर जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान वहां पर निर्माणाधीन शौचालय को पसका घाट पर स्नान करने वाली महिला श्रद्धालुओं हेतु कपड़ा चेजिंग रुम बनाने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही घाट के आस पास लाइटिंग व्यवस्था कराने के निर्देश दिये हैं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पसका मेला प्रारम्भ से पहले सारी व्यवस्थायें चाक चौबंद करने के निर्देश दिये हैं।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहां की मेला प्रारंभ होने से पहले मेला स्थल एवं स्नानघाट सहित सभी स्थानों पर सारी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं। ताकि मेला के समय श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने तुलसीदास जी का रामायण भवन का भी निरीक्षण किया तथा वहां उपस्थित संबंधित अधिकारियों को साफ-सफाई सहित अन्य सारी व्यवस्थाएं सही कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान पसका घाट पर कल्पवास कर रहे साधु-संतो से वार्ता कर वहां कि समस्याओं के बारे में जानकारी ली,और संबंधी अधिकारियों को समाधान के लिए निर्देश दिए।
दरअसल गोंडा में सरयू नदी के किनारे पसका मेला लगता है। सरयू और घाघरा नदी के संगम पर पौष मास की पूर्णिमा तिथि को ये मेला लगता है। पसका का मेला को लघु प्रयाग भी कहा जाता है, मेले को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम भी चौकस किए जा रहे हैं।
लोग इसकी मान्यताओं के बारे में बताते हैं कि यहीं पर भगवान विष्णु ने 12 अवतार लेकर मैलाकोट गांव में हिरणवक्ष का वध किया था, वध करने के बाद उन्होंने यहां स्नान किया था। तभी से ये मान्यता है कि यहां पर स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। और यहां स्नान करने से प्रयाग के स्नान के बराबर पुण्य मिलता है।