सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला हेड कांस्टेबल के मामले में गिरफ्तार आरोपियों की शक्ल पहले से STF द्वारा जारी किए गए संदिग्धों की फोटो से मैच नही करता
सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला हेड कांस्टेबल के मामले में गिरफ्तार आरोपियों की शक्ल पहले से STF द्वारा जारी किए गए संदिग्धों की फोटो से मैच नही करता
गोंडा/मनकापुर।सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला हेड कांस्टेबल के साथ हुई घटना में बृहस्पतिवार को एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर में जिन एक मुख्य आरोपी को ढ़ेर कर देने व दो आरोपियों को पैर में गोली मार कर गिरफ्तार करने का दावा किया गया है।उन तीनों आरोपियों की शक्ल पहले से सटीएफ द्वारा जारी किए गए दो संदिग्धों की फोटो से मैच नही करता है।ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पांच अपराधी इस घटना में शामिल थे।इसके अलावा एनकाउंटर में जो तीनों अपराधी हैं वह अयोध्या की ओर के हैं वह घटना की रात कहीं उसी ट्रेन से मनकापुर तो नही आये थे।यह सटीएफ के लिए एक बड़ा सवाल है।
बताते चलें:-
सुल्तानपुर कोतवाली में नियुक्त महिला हेड कांस्टेबल सुमित्रा पटेल जिसकी ड्यूटी अयोध्या मेले में लगाई गई थी। ड्यूटी के लिए बीते 30 अगस्त की रात में वह सरयू एक्सप्रेस से अयोध्या आते समय किन्ही कारणों से मनकापुर रेलवे स्टेशन आ गई थी।जब वह ट्रेन पुनः अयोध्या पहुंची तो महिला कांस्टेबल खून से लथपत ट्रेन के डिब्बे में बेहोशी की हालत में मिली थी।इस मामले में 31 अगस्त को जीआरपी थाने में विभिन्न धराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।उसके बाद जांच में जीआरपी,आरपीएफ व सिविल पुलिस लगाई गई थी।इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इस घटना को संज्ञान में लेने के बाद एसटीएफ को भी जांच में शामिल किया गया था।घटना की जांच में मनकापुर स्टेशन पर पहुंचे 4 सितंबर को अयोध्या के कोतवाल मो0 अशरफ ने वेंडरों से पूछताछ किये।
5 सितंबर को सीओ जीआरपी संजीव कुमार के नेतृत्व में आरपीएफ इंस्पेक्टर उदयराज,एसओ जीआरपी गोंडा दिनेश कुमार सिंह ने मनकापुर से अयोध्या स्टेशन तक मानव ट्राली से पूरे रेल ट्रैक का गहन निरीक्षण किया।
9 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्ती के बाद शासन से डीआईजी रेलवे/सटीएफ अनंतदेव तिवारी आरपीएफ प्रभारी उदयराज,जीआरपी चौकी प्रभारी तत्कालीन हरिनाथ यादव,स्टेशन अधीक्षक अभिषेक त्रिवेदी से जानकारी हासिल की।
10 सितंबर को गाजीपुर जीआरपी कोतवाल ने भी मनकापुर प्लेटफार्म खंगाला।
13 सितंबर को एसपी जीआरपी डॉ अवधेश सिंह ने जीआरपी गोरखपुर के कोतवाल विजय बहादुर सिंह के साथ जीआरपी चौकी से अपराधियों की कुंडी को देखा।
14 सितंबर को एडीजी रेलवे जयनारायन सिंह ने सीसीटीवी फुटेज व रेलवे के 46 हिस्ट्रीशीटर सहित रेलवे के अपराधियों का रिकार्ड खंगाला।
17 सितंबर को पुनः मनकापुर स्टेशन पर पहुंचे एसपी रेलवे डॉ अवधेश सिंह ने वेंडरों को संदिग्धों की फोटो दिखाकर पहचान कराई।
18 सितंबर को जीआरपी बलिया की सीओ सरोज पांडेय ने पिट्ठू वैग वाले एक लाख के इनामी दो संदिग्धों की फोटो जारी कर टीमो को लोगों से पहचान करने का निर्देश दिया।
21 सितंबर को आईजी रेलवे लखनऊ सत्येंद्र कुमार सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ मनकापुर स्टेशन पर पहुंच कर जीआरपी चौकी प्रभारी संजय कुमार से अपराधियों का व्योरा मंगा तथा वारदात के दिन सीसीटीवी फुटेज में मनकापुर जंक्शन से नदारद जीआरपी को फटकार लगाई थी।
इस घटना की जांच के दौरान एक सप्ताह पूर्व एसपी रेलवे डॉ अवधेश सिंह ने लापरवाही बरतने में मनकापुर जीआरपी चौकी प्रभारी हरिनाथ यादव की लाइन हाजिर भी कर दिया था।