
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में बड़े पैमाने पर फेरबदल करते हुए कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी की है, जिससे सरकारी कर्मचारियों में असुरक्षा और तनाव का माहौल बन गया है।
व्हाइट हाउस ने 23 मई, 2025 को घोषणा की कि NSC के 100 से अधिक कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में वापस भेजा जा रहा है। यह कदम विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व में उठाया गया, जो वर्तमान में अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कार्यभार संभाल रहे हैं। इस पुनर्गठन का उद्देश्य NSC की संरचना को सरल बनाना और राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णयों की प्रक्रिया को तेज करना है। इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने NSC के कर्मचारियों की निष्ठा की जांच शुरू कर दी है, जिसमें उनके राजनीतिक झुकाव और सोशल मीडिया गतिविधियों की समीक्षा शामिल है।
इस बदलाव के परिणामस्वरूप, NSC में कार्यरत कई कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि कुछ अन्य विभागों में पुनः नियुक्त किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पुनर्गठन से NSC की विशेषज्ञता में कमी आ सकती है, जो वैश्विक मुद्दों पर प्रभावी नीति निर्धारण के लिए आवश्यक है।
ट्रंप प्रशासन की इस नीतिगत दिशा ने सरकारी कर्मचारियों के बीच असुरक्षा और भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है, जिससे उनके कार्य प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।