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राजस्थान में पाकिस्तानी जासूस कासिम गिरफ्तार

राजस्थान के अलवर जिले से एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक गोपनीय ऑपरेशन के तहत मिवात क्षेत्र से कासिम नामक शख्स को दबोचा है। जांच में सामने आया है कि कासिम को लाहौर में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने बाकायदा ट्रेनिंग दी थी, और वह भारत में सैन्य ठिकानों पर नजर रखकर संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था।

लाहौर में ली थी जासूसी की ट्रेनिंग

सूत्रों के अनुसार, कासिम ने अगस्त 2024 और मार्च 2025 के बीच दो बार पाकिस्तान की यात्रा की थी। वह अवैध रूप से सीमा पार कर लाहौर पहुंचा, जहां उसने करीब 90 दिनों तक ISI एजेंट्स से खुफिया ट्रेनिंग ली। उसे जासूसी करने, सैन्य गतिविधियों की पहचान, तस्वीरें खींचने और सूचनाएं भेजने की तकनीकी जानकारी दी गई थी। ट्रेनिंग के दौरान तीन ISI अधिकारियों—‘शाह जी’, ‘ताऊ जी’ और ‘वकास’—ने उसे अलग-अलग विषयों में प्रशिक्षित किया।

सेना की गतिविधियों पर रख रहा था नजर

कासिम की गतिविधियों पर नजर रखते हुए पुलिस ने पाया कि वह अलवर जिले में भारतीय सेना की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा था। वह सेना के मूवमेंट, ठिकानों और वाहनों की तस्वीरें खींचता था और उन्हें अपने पाकिस्तानी हैंडलरों को भेजता था। इसके लिए वह भारत में एक्टिव मोबाइल नंबरों और इंटरनेट ऐप्स का उपयोग करता था, जिसमें मुख्य रूप से व्हाट्सएप शामिल था।

SIM कार्ड भारत से पाकिस्तान भेजे जा रहे थे

दिल्ली पुलिस की जांच में चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया कि भारत में सक्रिय जासूसी नेटवर्क भारत से पाकिस्तानी एजेंटों को SIM कार्ड भेज रहा था। इन SIM कार्ड्स को पाकिस्तान में एक्टिव करके वहां के एजेंट भारत के मोबाइल नेटवर्क का उपयोग करते हुए सीधे संपर्क में रहते थे। इस तकनीक का इस्तेमाल कर पाक एजेंट भारत में सेना की जानकारी रियल टाइम में ले रहे थे।

राजस्थान में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

यह कोई पहला मामला नहीं है जब राजस्थान में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एजेंट पकड़े गए हों। सीमावर्ती इलाकों जैसे जैसलमेर, बीकानेर और भरतपुर में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां पाक एजेंटों को सेना की जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा खतरा

कासिम की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत के भीतर गहरी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही है। खासकर सीमावर्ती और मुस्लिम बहुल इलाकों में जासूसी नेटवर्क तैयार कर भारतीय सेना की रणनीतियों और गतिविधियों की जानकारी हासिल करना उसका मुख्य उद्देश्य है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

आगे की कार्रवाई जारी

फिलहाल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कासिम से पूछताछ कर रही है और उसके पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस मामले के पीछे एक बड़ा रैकेट हो सकता है, जिसमें स्थानीय लोग, सीमा पार एजेंट और कुछ तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं। पुलिस को कासिम के मोबाइल फोन और डिवाइसेस से कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।


यह मामला भारत में आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा करता है। भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने अब यह चुनौती है कि सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों में चल रहे इस प्रकार के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून और निगरानी प्रणाली लागू की जाए।

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