लाइव अपडेट
Trending

IMF ने पाकिस्तान को ऋण देने के बाद लगाई 11 नई शर्तें

इस्लामाबाद/वॉशिंगटन – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को दिए गए $1.1 बिलियन (11 अरब डॉलर) के राहत पैकेज के बाद अब 11 नई सख्त शर्तें लागू की हैं। इन शर्तों के पीछे IMF की चिंता यह है कि पाकिस्तान द्वारा आर्थिक सुधारों को लागू करने में गंभीर ढिलाई बरती जा रही है। साथ ही भारत-पाक संबंधों में बढ़ते तनाव को भी बेलआउट प्रोग्राम के लिए जोखिम बताया गया है।


🏦 IMF को क्यों उठानी पड़ी यह सख्ती?

  • पाकिस्तान को यह ऋण Extended Fund Facility (EFF) और Resilience and Sustainability Facility (RSF) के तहत दिया गया है।
  • IMF को शक है कि पाकिस्तान सरकार अपनी आर्थिक प्रतिबद्धताओं को लेकर ढुलमुल रवैया अपना रही है।
  • पाकिस्तान की बढ़ती महंगाई, गिरती मुद्रा, और राजकोषीय घाटा अभी भी बड़े खतरे बने हुए हैं।

📋 क्या हैं ये 11 नई शर्तें?

हालांकि IMF ने सभी शर्तों को सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार ये शर्तें निम्नलिखित क्षेत्रों से जुड़ी हो सकती हैं:

  1. बिजली और गैस की सब्सिडी में कटौती
  2. राजस्व बढ़ाने के लिए नए टैक्स सुधार
  3. ब्याज दरों में पारदर्शिता और बाजार-आधारित नीति
  4. राजकोषीय घाटे को जीडीपी के एक तय स्तर तक लाना
  5. सरकारी खर्चों में कटौती
  6. निर्यात बढ़ाने के लिए संरचनात्मक सुधार
  7. रुपए के मूल्य निर्धारण में बाजार आधारित ढांचा
  8. सरकारी कंपनियों के निजीकरण में तेजी
  9. मूल्य स्थिरता के लिए खाद्य एवं ईंधन मूल्य नियंत्रण
  10. कर्ज नियंत्रण नीति को मजबूत बनाना
  11. संवेदनशील क्षेत्रों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार नियंत्रण

🔴 भारत-पाक तनाव बना खतरा

IMF की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते भूराजनीतिक तनाव इस बेलआउट कार्यक्रम की स्थिरता और असर पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं। IMF को डर है कि यदि कोई सीमा विवाद या सैन्य घटना होती है, तो पाकिस्तान की वित्तीय नीतियां डगमगा सकती हैं


📉 पाकिस्तान की आर्थिक हालत कैसी है?

  • महंगाई दर अब भी 25% के आसपास है।
  • रुपया कमजोर हो रहा है, और विदेशी मुद्रा भंडार सीमित हैं।
  • कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है और भुगतान में देरी हो रही है।
  • अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां बार-बार पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग डाउनग्रेड कर रही हैं।

🇵🇰 पाकिस्तान की प्रतिक्रिया?

पाकिस्तानी अधिकारियों ने IMF के साथ चल रही बातचीत को “सकारात्मक और रचनात्मक” बताया है, लेकिन अभी तक इन शर्तों को लागू करने का कोई ठोस रोडमैप सार्वजनिक नहीं किया गया है। विपक्षी दलों ने इसे देश की संप्रभुता पर आघात बताया है।


🔚 निष्कर्ष:

IMF का यह कदम यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं अब पाकिस्तान को बिना शर्त पैसे देने को तैयार नहीं हैं। सुधारों के बिना अर्थव्यवस्था को संभालना संभव नहीं होगा। भारत-पाक तनाव और अंदरूनी राजनीतिक अस्थिरता मिलकर पाकिस्तान के लिए एक बड़े आर्थिक संकट की ओर संकेत कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share