
अमेरिका ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिनमें दो लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। इस हमले के बाद यमन में संघर्ष और तनाव बढ़ गया है। यह हमले तब किए गए जब हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में जहाजों पर हमले किए थे, जिससे अमेरिकी सेना ने जवाबी कार्रवाई की।
अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, यह हवाई हमले हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर किए गए हमलों का प्रतिकार थे। अमेरिका का कहना है कि हूती विद्रोहियों द्वारा इस तरह के हमले क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में जहाजों पर हमले के बाद अमेरिका ने यह कार्रवाई की। नवंबर 2023 में हूती समूह ने एक मालवाहक पोत ‘गैलेक्सी लीडर’ पर कब्जा कर लिया था, जो विवाद का केंद्र बना। अमेरिका के सैन्य अधिकारियों ने इसे एक गंभीर खतरे के रूप में देखा और उसे रोकने के लिए एयरस्ट्राइक का आदेश दिया।
हालांकि, इन हमलों में नागरिकों की मौतें भी हुई हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हताहत होने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। 10 अन्य लोग घायल हो गए हैं, जिनमें कुछ नागरिकों के अलावा, हूती विद्रोही भी शामिल हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हमले का उद्देश्य हूती समूह की सैन्य क्षमताओं को नष्ट करना है, लेकिन नागरिकों के हताहत होने की घटनाओं ने अमेरिकी अधिकारियों और स्थानीय जनता के बीच चिंता पैदा कर दी है।
हूती विद्रोहियों का प्रतिशोध की धमकी
इस घटना के बाद, हूती समूह ने अमेरिका के खिलाफ प्रतिशोध की धमकी दी है और कहा है कि वे अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे। हूती समूह का कहना है कि अमेरिका की कार्रवाई से केवल संघर्ष को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और बिगड़ेगी।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चिंता
इस अभियान की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी मिली-जुली रही है। कुछ देशों ने अमेरिका की कार्रवाई का समर्थन किया है, वहीं अन्य ने नागरिक हताहतों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। मानवाधिकार संगठनों ने इस हमले की आलोचना की है और अमेरिका से इस मामले की जांच करने की मांग की है।
अमेरिका ने अब तक हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैकड़ों हवाई हमले किए हैं, जिनमें कमांड सेंटर, ड्रोन इंफ्रास्ट्रक्चर, और हथियार भंडारण स्थलों को निशाना बनाया गया है। हालांकि, इस अभियान के कारण हुए नागरिकों के नुकसानों ने अमेरिका के नेतृत्व को सवालों के घेरे में डाल दिया है।
यमन में स्थिति और अधिक जटिल होती जा रही है, क्योंकि इस क्षेत्र में सांप्रदायिक, राजनीतिक, और सैन्य गतिरोध लगातार जारी है। हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे अपनी भूमि और स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए मजबूर हैं, जबकि अमेरिका इसे नौवहन मार्गों की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के रूप में देख रहा है।
इस घटना ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष एक नई चुनौती पेश की है। अमेरिकी सरकार को अब अपनी सैन्य कार्रवाई के परिणामों पर पुनः विचार करना पड़ सकता है, विशेष रूप से नागरिक हताहतों के संदर्भ में।