
उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित सत्र न्यायालय ने 30 मई 2025 को अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे और वनंतर रिजॉर्ट के मालिक, के साथ-साथ उनके सहयोगी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 354 (महिला की शील भंग करने का प्रयास), और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी पाया गया है।
इस मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने 500 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी और 47 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित सुनवाई की और दोषियों को सजा दिलाई।
अंकिता की मां, सोनी देवी, ने अदालत के फैसले के बाद भावुक होते हुए कहा, “मेरी बेटी को न्याय मिलना चाहिए। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और बेटी ऐसी घटना का शिकार न हो।” पिता वीरेंद्र भंडारी ने भी कहा, “मेरी बेटी की हत्या ने हमारे परिवार को तोड़ दिया है, अब हम चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।”
यह मामला उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा और राजनीतिक प्रभाव के बीच के संबंधों पर भी सवाल उठाता है। अंकिता की हत्या ने राज्य में व्यापक आक्रोश और विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया था, जिससे सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगा था।
अंकिता की हत्या ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और राजनीतिक प्रभाव के बीच के संबंधों पर सवाल उठाए हैं। इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है, लेकिन समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और कदम उठाने की आवश्यकता है।