
📝 खबर विस्तार से:
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत ने चेनाब नदी का पानी रोक लिया है, जिससे पाकिस्तान में खरीफ की फसल खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने जल प्रवाह में हस्तक्षेप जारी रखा तो इसे पाकिस्तान युद्ध की कार्यवाही मानेगा।
आसिफ ने दावा किया:
“अगर भारत ने बांध बनाए या नदी का पानी रोका, तो पाकिस्तान उन ढांचों को नष्ट कर देगा। यह पाकिस्तान की सुरक्षा, कृषि और अस्तित्व से जुड़ा मसला है।”
उन्होंने इसे जल युद्ध (Water War) की शुरुआत बताते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे संयुक्त राष्ट्र (UN) और विश्व बैंक (World Bank) तक ले जाने की बात कही।
📉 पृष्ठभूमि:
- अप्रैल 2025 में भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को अस्थायी रूप से निलंबित किया था।
- इसके बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर स्थित बगलीहार और सालाल बांधों के फ्लडगेट बंद कर दिए, जिससे चेनाब नदी का पानी पाकिस्तान में नहीं पहुंच पाया।
- इससे पाकिस्तान में सिंचाई संकट और फसल उत्पादन पर बड़ा असर पड़ा है, खासकर पंजाब और सिंध प्रांतों में।
⚠️ पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
- जल संकट को राष्ट्रीय सुरक्षा संकट बताया गया।
- ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि भारत के बांध या किसी भी जल संरचना को “युद्ध में दुश्मन के सैन्य ठिकाने” की तरह माना जाएगा।
- पाकिस्तान सरकार इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय जल विवाद के रूप में उठाने की तैयारी में है।
🌾 कृषि पर असर:
- खरीफ फसल की बुवाई के समय पानी न मिलने से किसान संकट में हैं।
- कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी 90% तक पहुँच गई है।
- खाद्य संकट और आर्थिक मंदी की आशंका।
🧭 निष्कर्ष:
पानी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव एक नई दिशा में बढ़ता दिख रहा है। चेनाब नदी के सूखने के बाद पाकिस्तानी सरकार की तीखी प्रतिक्रिया और सैन्य कार्रवाई की चेतावनी, दक्षिण एशिया में नई प्रकार की संघर्ष स्थिति को जन्म दे सकती है — जिसे अब विशेषज्ञ “जल युद्ध” के रूप में देख रहे हैं।