
क्या हुआ?
इजरायल ने 13 जून 2025 को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ (Operation Rising Lion) के तहत ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर एक बड़ा हमला किया। इस हमले में ईरान के दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई, जिनमें शामिल हैं:
- मेजर जनरल मोहम्मद हुसैन बघेरी – ईरान की सशस्त्र सेनाओं के चीफ ऑफ स्टाफ
- मेजर जनरल हुसैन सलामी – ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख कमांडर
इसके साथ ही, दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक भी इस हमले में मारे गए:
- फरेदून अब्बासी-देवानी – पूर्व परमाणु ऊर्जा संगठन प्रमुख
- डॉ. मोहम्मद महदी तेहरांची – ईरान के वरिष्ठ वैज्ञानिक और शिक्षाविद
हमले का उद्देश्य क्या था?
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की गतिविधियों को कमजोर करने के लिए किया गया। बताया जा रहा है कि हमले में ड्रोन, मिसाइल और साइबर अटैक शामिल थे। ईरान ने इसे एक ‘युद्ध की घोषणा’ करार दिया है।
प्रतिक्रिया क्या रही?
- ईरान ने इजरायल को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है।
- इजरायल ने हमले को “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम” बताया है।
- संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और संयम बरतने की अपील की है।
भविष्य की आशंका
इस हमले से ईरान और इजरायल के बीच चल रही छद्म लड़ाई खुली जंग में तब्दील हो सकती है। यह हमला वेस्ट एशिया (Middle East) में एक नए संघर्ष की शुरुआत का संकेत माना जा रहा है।