
📝 विस्तृत समाचार (हिंदी में):
दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर से बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। हवा में धूल और प्रदूषकों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 305 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
इस वायु प्रदूषण की एक प्रमुख वजह राजस्थान की ओर से उठ रही धूल भरी आंधियां हैं। ये हवाएं लगभग 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से दिल्ली की ओर बढ़ रही हैं। हवा में घुले धूल कणों ने दृश्यता को भी प्रभावित किया है, जिससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पालम और सफदरजंग जैसे इलाकों में दृश्यता 1200 मीटर तक घट गई।
गुरुग्राम की स्थिति भी चिंताजनक है जहां AQI 316 रिकॉर्ड किया गया। साथ ही तापमान 40.6°C तक पहुंच गया है, जिससे प्रदूषण और गर्मी का डबल अटैक लोगों को झेलना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़े हुए प्रदूषण का संबंध राजस्थान के ‘प्रेशर ग्रिड’ सिस्टम से है, जिससे हवा की दिशा बदली है और धूल दिल्ली की ओर बहकर आई है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 2-3 दिनों में तेज हवाओं और हल्की वर्षा की संभावना जताई है, जिससे प्रदूषण में थोड़ी राहत मिल सकती है।
राजस्थान के श्रीगंगानगर, भिवाड़ी और अन्य इलाकों में भी AQI 400 के पार जा चुका है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वहां से आई धूल ने दिल्ली की हवा को और अधिक जहरीला बना दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता फिर से चिंताजनक हो गई है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार:
- दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्र:
- वजीरपुर: 422
- मुंडका: 419
- आनंद विहार: 362
- द्वारका सेक्टर 8: 388
- अलीपुर: 352
- जहांगीरपुरी: 353
- अशोक विहार और आयानगर: 328
- अन्य प्रमुख क्षेत्रों में AQI:
- आईटीओ: 218
- जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम: 260
- नजफगढ़: 271
- एनसीआर शहरों में:
- गुरुग्राम: 294
- नोएडा: 289
- फरीदाबाद: 288
- गाजियाबाद: 283
- ग्रेटर नोएडा: 256
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और कई में ‘गंभीर’ श्रेणी में है।