
नई दिल्ली/पहलगाम:
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से जांच एजेंसियां पूरी तरह एक्शन मोड में हैं, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले के हर पहलू की गहरी जांच कर रही है। NIA ने जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत के कई गुटों और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों के यहां छापेमारी की है।
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी में कई देश विरोधी चीजें मिली हैं, और NIA को संदेह है कि इन प्रतिबंधित संगठनों ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर्स का नेटवर्क तैयार किया था। जांच एजेंसी के अनुसार, इन आतंकियों ने 15 अप्रैल को ही पहलगाम में कदम रखा था और हमले से पहले तीन अन्य जगहों पर भी रेकी की थी।
आतंकी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए NIA ने उन स्थानों के कॉल रिकॉर्ड्स की जांच शुरू कर दी है, जिन पर छापेमारी की गई। इस जांच के दौरान पुख्ता सबूत मिले हैं कि इन प्रतिबंधित संगठनों के कुछ लोग ओवरग्राउंड वर्कर्स से लगातार संपर्क में थे।
NIA की जांच में पता चला है कि हमले के दौरान तीन सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया गया था, जिनमें से दो के सिग्नल को ट्रेस कर लिया गया है। इसके अलावा, 2500 संदिग्धों में से 186 लोग अभी भी हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ जारी है।
अभी तक की जानकारी के अनुसार, आतंकियों के निशाने पर पहलगाम के अलावा आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी भी थे। NIA की जांच में अब तक 20 के करीब ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से कई की गिरफ्तारी हो चुकी है।