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हमला पहले से तय था?

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कुल 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें बड़ी संख्या में हिंदू पर्यटक थे। यह हमला ऐसे समय हुआ जब क्षेत्र में सामान्य स्थिति लौटने लगी थी और पर्यटन गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही थीं।

🔍 खुफिया जानकारी पहले ही मिल चुकी थी:

  • सुरक्षा एजेंसियों को हमले से पहले ही सटीक खुफिया इनपुट मिल गया था कि आतंकियों का एक समूह क्षेत्र में मौजूद है।
  • खुफिया जानकारी के बावजूद, 22 अप्रैल को चल रहे सर्च ऑपरेशन को अचानक रोक दिया गया।
  • इसके कुछ ही घंटों बाद आतंकियों ने हमला कर दिया।
  • यह सवाल खड़ा करता है कि सर्च ऑपरेशन क्यों रोका गया, और क्या खुफिया जानकारी को गंभीरता से नहीं लिया गया?

🚨 हमले की ज़िम्मेदारी और आतंकी संगठन:

  • इस हमले की ज़िम्मेदारी ‘The Resistance Front’ (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है।
  • यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ माना जाता है और इसे पाकिस्तान समर्थित संगठन बताया गया है।
  • दो आतंकियों की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में हुई है, जिनके स्केच जारी किए जा चुके हैं।

🕵️‍♂️ जांच और कार्रवाई:

  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है।
  • 1,500 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई है।
  • आतंकियों के स्थानीय सहयोगियों के घरों को ध्वस्त किया गया है।
  • कश्मीर पुलिस और केंद्रीय बलों ने संपूर्ण इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू किया है।

🌐 भारत-पाकिस्तान संबंधों पर असर:

  • भारत सरकार ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
  • जवाब में पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
  • दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया है।
  • सीमा पर फायरिंग और तनाव की घटनाएं भी बढ़ गई हैं।

🧠 प्रश्न उठते हैं:

  • जब खुफिया जानकारी पहले से थी तो सर्च ऑपरेशन को रोका क्यों गया?
  • क्या यह सुरक्षा एजेंसियों की लापरवाही थी या किसी राजनीतिक/प्रशासनिक दबाव के तहत फैसला लिया गया?
  • क्या यह हमला रोका जा सकता था?
  • भविष्य में ऐसे इनपुट्स को लेकर क्या सुधार किए जाएंगे?

📊 इस घटना का संभावित असर:

  • कश्मीर में पर्यटन पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • भारत की आंतरिक सुरक्षा नीति पर सवाल उठेंगे।
  • लोकल इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करने की ज़रूरत महसूस की जाएगी।
  • भारत-पाक संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो सकते हैं।

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