
उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मौलाना पति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक देते हुए कहा, “मैं मौलाना हूं, मेरे लिए दाढ़ी पत्नी से ज्यादा जरूरी है।” यह विवाद तब शुरू हुआ जब पत्नी ने पति से दाढ़ी कटवाने की मांग की, जिसे पति ने धार्मिक कारणों से ठुकरा दिया। इसके बाद पत्नी अपने देवर के साथ चली गई और दावा किया कि उसने उससे कोर्ट मैरिज कर ली है।
विवाह और विवाद की शुरुआत
मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के उज्जवल गार्डन कॉलोनी निवासी मौलाना शाकिर का निकाह चार महीने पहले इंचौली की अर्शी से हुआ था। शादी के बाद अर्शी ने शाकिर से दाढ़ी कटवाने की मांग की, जिसे शाकिर ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि वह मौलाना हैं और उनके लिए दाढ़ी धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया।
पत्नी का आरोप और देवर के साथ संबंध
अर्शी ने आरोप लगाया कि शाकिर शारीरिक रूप से कमजोर हैं और वह उन्हें पति के रूप में स्वीकार नहीं कर सकतीं। इसलिए, उसने अपने देवर साबिर के साथ कोर्ट मैरिज कर ली और उसके साथ रहने का फैसला किया। 30 अप्रैल को अर्शी अपने देवर के साथ घर लौटी और शाकिर से तलाक की मांग की।
तीन तलाक और मेहर की राशि
शाकिर ने अर्शी को तीन तलाक देते हुए कहा कि वह अपनी दाढ़ी नहीं कटवाएंगे, चाहे इसके लिए उन्हें पत्नी को छोड़ना पड़े। अर्शी ने मेहर के रूप में 2.5 लाख रुपये की मांग की, जिसे शाकिर ने स्वीकार किया और कहा कि वह अपने हिस्से का मकान बेचकर यह राशि अदा करेंगे।
निष्कर्ष
यह मामला धार्मिक विश्वास, व्यक्तिगत पसंद और वैवाहिक संबंधों के बीच टकराव को दर्शाता है। जहां एक ओर शाकिर ने अपने धार्मिक विश्वासों को प्राथमिकता दी, वहीं अर्शी ने अपने व्यक्तिगत निर्णयों के आधार पर जीवनसाथी का चयन किया। यह घटना समाज में वैवाहिक संबंधों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करती है।