
उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी बकरीद पर्व (7 जून 2025) को देखते हुए राज्यभर में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सुरक्षा और धार्मिक अनुशासन से जुड़े कई अहम निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में उच्चस्तरीय प्रशासनिक बैठक के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बकरीद के दौरान कोई भी गतिविधि सार्वजनिक व्यवस्था और धार्मिक मर्यादा के विरुद्ध नहीं होनी चाहिए।
🔒 मुख्य निर्देश:
- कुर्बानी केवल मान्यता प्राप्त स्थलों पर हो:
योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा कि बकरीद के मौके पर पशु बलि केवल उन्हीं स्थलों पर दी जा सकती है जिन्हें प्रशासन द्वारा पूर्व से अनुमति प्राप्त है। किसी भी सार्वजनिक स्थान, सड़क या धार्मिक रूप से संवेदनशील स्थानों पर कुर्बानी की अनुमति नहीं होगी। - प्रतिबंधित पशुओं की बलि पर सख्त रोक:
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न दी जाए। इस पर निगरानी के लिए स्थानीय स्तर पर विशेष निगरानी दल गठित किए जाएंगे। - नमाज सिर्फ पारंपरिक स्थानों पर:
बकरीद की नमाज़ केवल मस्जिदों या परंपरागत ईदगाहों में ही अदा की जाए। सड़कों, चौराहों या सार्वजनिक स्थलों पर नमाज की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नमाज का कार्यक्रम इस तरह आयोजित किया जाए जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो। - सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद:
मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासन से कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए जाएं और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाए। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जाए ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलने से पहले उसे रोका जा सके।
📅 अन्य त्यौहारों का भी ज़िक्र:
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि आने वाले दिनों में कई अन्य धार्मिक अवसर भी हैं जैसे:
- विश्व योग दिवस (21 जून)
- बड़ा मंगल (18 जून)
- मुहर्रम (17 जुलाई)
- कांवड़ यात्रा (22 जुलाई से)
इन सभी अवसरों के लिए भी प्रशासन को पहले से ही योजना बनाकर काम करने को कहा गया है ताकि कहीं से कोई अव्यवस्था न हो।