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गोंडा जिला अस्पताल के गेट पर हुई डिलीवरी

गोंडा जिला अस्पताल के गेट पर हुई डिलीवरी

गोंडा में मंगलवार शाम जिला अस्पताल के गेट पर एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान बच्चा गर्भ से आधा ही बाहर आया और उसकी मौत हो गई। स्ट्रेचर न मिलने के कारण परिजन महिला को अस्पताल के अंदर नहीं ले जा पाए थे। जिसके कारण ये हादसे हुआ। मामले में अस्पताल कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
पटेल नगर के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद शाम 6 बजे अपनी गर्भवती पत्नी अनीता को ऑटो से लेकर अस्पताल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के अंदर जाकर स्ट्रेचर लाने को कहा। लेकिन कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर नहीं आए। इस बीच, अनीता को तेज प्रसव पीड़ा हुई और गेट पर भी आधी डिलीवरी हो गई।
इसके बाद राजेंद्र और उनके साथ आई महिलाओं ने किसी तरह अनीता को उठाया। तेजी से वार्ड की ओर लेकर जाने लगे। लेकिन वहां लगी जंजीरों को पार करने में काफी दिक्कत हुई। इस बीच, बच्चा गर्भ में फंसा रहा। किसी तरह से अनीता को अंदर ले जाया गया, डिलीवरी भी हुई। लेकिन बच्चा बच नहीं सका।
जब अनीता की आधी डिलीवरी हो गई और बच्चा फंस गया। इस दौरान 2 स्वास्थ्यकर्मी व्हील चेयर लेकर पहुंचे थे। कर्मचारियों की इस हरकत पर वहां मौजूद लोगों ने भी नाराजगी जताई थी। राजेंद्र प्रसाद कर्मचारियों पर भड़क गए थे। उन्होंने कहा कि आधे घंटे पहले बुलाया था। अब तो डिलीवरी भी हो गई। तुम लोग अब व्हील चेयर लेकर आए हो। राजेंद्र की बहस भी हुई थी।
अनीता के पति राजेंद्र ने बताया, पहले एंबुलेंस को कॉल की थी, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। इसके बाद ऑटो से पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। मैंने कर्मचारियों से स्ट्रेचर लाने को कहा। लेकिन कोई नहीं आया। इस दौरान मैं नर्स और डॉक्टर से भी गुहार लगाता रहा। लेकिन कोई नहीं आया।
मेरे बच्चे की मौत का जिम्मेदार पूरा अस्पताल प्रशासन है। हम अपने गोद में पत्नी को लेकर आए, कहीं कोई स्ट्रेचर तक नहीं था। मेरी पत्नी की बड़ी मम्मी साथ में थीं, कैसे क्या किया हम ही जानते हैं। पूरा स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार है।

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