
लगभग तीन वर्षों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया है। 11 मई 2025 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अचानक घोषणा की कि वे यूक्रेन के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के सीधी शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। पुतिन का यह बयान तुर्की के इस्तांबुल में मीडिया के सामने आया, जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि अब वक्त आ गया है जब युद्ध को विराम देकर “राजनीतिक समाधान” की ओर बढ़ना चाहिए।
इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इसे “एक सकारात्मक संकेत” बताया, लेकिन इसके साथ ही कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी रखीं। ज़ेलेंस्की ने मांग की कि बातचीत शुरू करने से पहले रूस कम से कम 30 दिनों का बिना शर्त युद्धविराम घोषित करे, ताकि विश्वास बहाली की प्रक्रिया शुरू हो सके।
🔍 प्रमुख बिंदु:
🕊️ पुतिन की पहल:
- इस्तांबुल में शांति वार्ता की पेशकश।
- बिना शर्त सीधी बातचीत का प्रस्ताव।
- रूस चाहता है कि बातचीत में क्राइमिया और डोनबास क्षेत्र को लेकर भी समाधान शामिल हो।
🛑 ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया:
- बातचीत को सकारात्मक कदम बताया।
- 30 दिन का युद्धविराम ज़रूरी बताया।
- कहा – “हम वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन तब जब रूस युद्ध रोकने की ईमानदार पहल करे।”
💣 शांति की राह में रोड़े:
- प्रस्ताव के बाद भी कीव और खारकीव पर रूसी ड्रोन हमले जारी रहे।
- यूक्रेनी मीडिया और पश्चिमी देश रूस की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं।
🗨️ विशेषज्ञों की राय:
- अंतरराष्ट्रीय संबंध विश्लेषक मानते हैं कि यह प्रस्ताव असली शांति की कोशिश है या रणनीतिक चाल, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
- नाटो और अमेरिका दोनों ने कहा है कि “यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ कोई भी समझौता होना चाहिए।”