
भारत की स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस Mk-1A का पहला यूनिट जून 2025 में नासिक स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की सुविधा से भारतीय वायुसेना को सौंपा जाएगा। यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण क्षमता और ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।
✈️ तेजस Mk-1A की मुख्य विशेषताएँ:
- गति (Speed): मैक 1.8 (लगभग 2,200 किमी/घंटा)
- रेंज (Range): 1,850 किमी, जिसे इन-फ्लाइट रिफ्यूलिंग द्वारा और भी बढ़ाया जा सकता है
- वजन (Max Take-off Weight): 13,500 किग्रा
- इंजन: अमेरिका का GE F404-IN20
- एवियोनिक्स: अत्याधुनिक AESA रडार प्रणाली
- हथियार क्षमता: बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलें, स्मार्ट बम, एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलें
- डिजिटल कॉकपिट: ग्लास कॉकपिट के साथ फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम
- सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट: उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस
🏭 HAL नासिक प्लांट की भूमिका:
HAL ने अपने नासिक प्लांट को ₹150 करोड़ से अधिक की लागत से अपग्रेड किया है ताकि वह सालाना 16–24 तेजस Mk-1A फाइटर जेट तैयार कर सके। यह तेजस का उत्पादन बेंगलुरु स्थित यूनिट के साथ मिलकर करेगा।
🛫 डिलीवरी टाइमलाइन:
- पहला तेजस Mk-1A विमान जून 2025 के अंत तक वायुसेना को सौंपा जाएगा।
- कुल 83 तेजस Mk-1A विमानों का ऑर्डर HAL को पहले ही दिया जा चुका है, जिसकी कुल लागत लगभग ₹48,000 करोड़ है।
🛰️ रणनीतिक महत्व:
तेजस Mk-1A भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाएगा और पुराने मिग-21 जैसे विमानों को धीरे-धीरे बदलने में सहायक होगा। यह भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर और रणनीतिक रूप से सशक्त बनाएगा।