
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें एक व्यक्ति ऐसा भी था जो अपने परिवार की इकलौती आर्थिक रीढ़ था। अब उस शहीद के बेटे को बेंगलुरु स्थित आरवी विश्वविद्यालय ने एक सराहनीय निर्णय लेते हुए पूर्ण रूप से निःशुल्क प्रवेश देने का ऐलान किया है।
📌 आरवी विश्वविद्यालय की मानवीय पहल
आरवी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एस. के. श्रीवास्तव ने घोषणा करते हुए कहा:
“हम यह कदम सिर्फ एक छात्र के लिए नहीं, बल्कि एक शहीद परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी के रूप में उठा रहे हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनके बलिदान को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों से भी सम्मान दें।”
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि शहीद के बेटे को ट्यूशन फीस, हॉस्टल, किताबें और अन्य शैक्षिक संसाधन बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा उसे विश्वविद्यालय की ओर से मानसिक परामर्श और करियर गाइडेंस की भी सुविधा दी जाएगी, जिससे उसका समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
🧒 एक बेटे के सपनों को नई उड़ान
यह निर्णय न केवल शहीद के बेटे को शिक्षा का अवसर देगा, बल्कि उन लाखों छात्रों और परिवारों के लिए प्रेरणा बनेगा जो कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद नहीं छोड़ते। परिवार ने इस कदम पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “हमारा बच्चा अब अपने पिता का सपना पूरा कर सकेगा।”
🌍 शिक्षा और संवेदना का मिलन
यह पहल न सिर्फ सामाजिक दायित्व की मिसाल है, बल्कि यह दर्शाता है कि जब शिक्षा संस्थान संवेदना और सामाजिक चेतना के साथ कार्य करते हैं, तो वे न सिर्फ ज्ञान देते हैं, बल्कि उम्मीद भी जगाते हैं।