
दिल्ली में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामले एक बार फिर से बढ़ते दिख रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है, जिससे राजधानी में एक बार फिर से सतर्कता बढ़ा दी गई है। हालांकि इस स्थिति को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, क्योंकि फिलहाल किसी इमरजेंसी जैसी स्थिति नहीं है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान देते हुए कहा, “कोविड अब मौसमी फ्लू की तरह व्यवहार कर रहा है। यह घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की स्थिति है। सरकार पूरी तरह से स्थिति पर नजर रखे हुए है और जरूरी तैयारियां कर रही है।”
✅ कोविड केस बढ़े, लेकिन अस्पतालों में भर्ती कम
दिल्ली में हाल ही में कोरोना के जो मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण देखे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अधिकतर संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो रहे हैं। अस्पतालों में भर्ती की दर बेहद कम है, जो दर्शाता है कि यह वायरस अब पहले की तुलना में कम घातक हो गया है।
🏥 दिल्ली सरकार की तैयारी
मुख्यमंत्री ने दिल्ली के बड़े अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ आपात बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा की गई। रेखा गुप्ता ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि:
- ऑक्सीजन बेड, दवाओं और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- किसी भी आपात स्थिति के लिए एक रैपिड रिस्पॉन्स सिस्टम सक्रिय रखा जाए।
- टेस्टिंग और ट्रैकिंग की रणनीति को दोबारा मजबूत किया जाए।
📢 जनता से क्या कहा गया?
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार कोविड की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि:
- किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने पर तुरंत टेस्ट कराएं।
- मास्क पहनें, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।
- हाथ धोने की आदत बनाए रखें और सतहों को साफ रखें।
🧪 क्या यह कोविड की नई लहर है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह कोविड की “नई लहर” नहीं मानी जा सकती। यह वायरस अब एंडेमिक चरण में पहुंच चुका है यानी यह वायरस हमारे बीच रहेगा लेकिन सीमित रूप में और अधिकांश मामलों में कम घातक रूप में।
🌍 अन्य राज्यों में स्थिति
दिल्ली के अलावा कुछ अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में भी केसों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की है, लेकिन सभी राज्यों को सतर्क रहने और डेटा की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।