
पाकिस्तानी एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने सार्वजनिक रूप से पुलवामा आतंकी हमले को “रणनीतिक कौशल” बताया, जो इस हमले में पाकिस्तानी सेना की भूमिका को उजागर करता है। विदेशी पत्रकारों की मौजूदगी में यह बयान देना केवल एक व्यक्तिगत राय नहीं, बल्कि एक सैन्य कबूलनामा है, जो भारत के खिलाफ आतंकियों और पाक सेना के गठजोड़ की पुष्टि करता है। साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि पाकिस्तान की सीमा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बयान से पहलगाम हमले में भी पाकिस्तान की भूमिका पर शक गहराता है।
पाकिस्तानी वायुसेना के अधिकारी एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, विदेशी मीडिया की मौजूदगी में,पुलवामा हमले को “जबरदस्त सामरिक कौशल” करार देकर अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की संलिप्तता स्वीकार कर ली है। यह बयान आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना के भारत विरोधी गठजोड़ का खुला सबूत माना जा रहा है। औरंगजेब का यह कबूलनामा पाकिस्तान की उस रणनीति का पर्दाफाश करता है जिसमें वह आतंकवाद को छुपाकर इस्तेमाल करता आया है।
एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने पुलवामा हमले को पाकिस्तान की “रणनीतिक प्रतिभा” का हिस्सा बताते हुए एक ऐसा बयान दिया है, जो भारत के खिलाफ पाकिस्तान की साजिश को पूरी दुनिया के सामने उजागर करता है। यह बयान उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और नौसेना प्रवक्ता की मौजूदगी में दिया, जिससे यह एक उच्चस्तरीय सैन्य सहमति जैसा प्रतीत होता है। औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान की वायु, जल और जमीन सीमाओं का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी सेना को अपनी जनता का पूरा भरोसा हासिल है।
यह कबूलनामा न सिर्फ पुलवामा में पाक की संलिप्तता को पुष्ट करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान किस तरह आतंक को अपनी सैन्य रणनीति का हिस्सा मानता है। इस बयान से पहलगाम हमले में भी उसकी भूमिका को लेकर संदेह और गहराया है।